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” निषाद पार्टी ” के तरफ से – अश्रुपूर्ण एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि

एक ऐसा सख्श जिसका नाम लेते ही पूरा शरीर रोमांचित हो जाता है, देश सेवा करने के लिए राजनीतिक जज्बा जन्म ले लेता है । प्रगतिशीलता के माध्यम से भारतीय संस्कृति को एक मुखर स्वर मिल जाता है । जीवन में आगे बढ़ने का भाव जाग्रत हो जाता है । इंसाफ के रास्ते पर चलने की प्रेरणा मिल जाती है । ईमानदारी के साथ अगुआई करने का चमत्कारिक प्रभाव प्रबल हो उठता है । समाज की दिशा व दशा को नई उड़ान देने के लिए प्रणवीर बनने का हौसला मिल जाता है । यह व्यक्तित्व कोई और नहीं अपितु निर्भय नेता, कुशल वक्ता व भाजपा के स्टार प्रचारक मनोज कश्यप शाहजहाँपुर वाले ही हैं । आज असहनीय व अपूर्व दुख के साथ कहना पड़ रहा है ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी भाई मनोज जी विदेह होकर इस संसार से कूच कर गये है और ध्रुव तारा की भाँति आकाश के फलक पर जगमग होकर विश्व को आलोकित करेगें । श्री मनोज कश्यप जी के राष्ट्रवादी व्यक्तित्व से भारतीय राजनीति प्रभावित थी इनके इसी विराट कद को देखते हुए भाजपा ने इन्हें अपना स्टार प्रचारक भी बनाया था और इन्होंने बड़ी ही निष्ठा से अपने पद का निर्वहन भी किया । मनोज कश्यप के व्यक्तित्व से माननीय मुख्यमन्त्री व प्रधानमन्त्री जी दोनो ही प्रभावित थे और मंच साझा करने का सुअवसर भी देते थे । मनोज भाई जी ने पूरे देश में घूम घूम कर पीड़ित जनता को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष भी किया । अनेक पुरस्कारों से नवाजे गये । पर उनका एक अरमान था कि प्रदेश व देश की महापंचयत का सदस्य होकर देश सेवा करने का मगर इस अरमान को पूरा करने के पहले ही पता नहीं क्यों मौत ने इन्हें अपने आगोश में लिया है । ऐसा दुखद समाचार सुनकर हर कोई निशब्द हो गया है मै भी दुख सागर में डूब गया हूँ । कारण यह भी है श्री मनोज कश्यप भी अपने राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन से समय निकाल कर साहित्य साधना करते थे और मनोज कश्यप ‘निडर’ के नाम से क्रांतिकारी ओजस्वी व लोक रंजक रचनाएँ लिखकर समाज व देश को नई दृष्टि दे रहे थे और आज जब निडर नाम का दूसरा जोड़ीदार इस जहाँ से कूच कर गया है तो मुझे लगता है कि मेरी एक दाहिनी भुजा कट सी गई है क्योंकि वह मेरे बड़े लाड़ले दोस्त व भाई थे और मुझे मार्गदर्शन भी देते रहते थे । यद्यपि उन्होंने मुझे एकलव्य पुरुस्कार देने के लिए शाहजहाँपुर भी बुलाया था पर मै किन्हीं कारणों से पहुँच नहीं पाया था और उनसे मिलने की मेरी तमन्ना भी अधूरी रह गई । वह खालिश सियासत दां थे फिर भी साहित्य को बहुत समृद्ध करने का काम किया है जो कि काबिले ग़ौर ही नहीं वरन् काबिले तारीफ भी है । राष्ट्र प्रेम का स्वर इनकी कविताओं की प्रमुख प्रवृत्ति थी अपनी रचनाओं को नवीन भाव भंगिमा, नूतन शब्द विन्यास, हृदय स्पर्शी कथ्य, सहज व सरस भाषा देना भी एक अलग विशेषता थी जिसके कारण लोक चेतना व राष्ट्र सचेतक कवि कहे जा सकते हैं । राजनीतिज्ञ व कवि हृदय मनोज कश्यप ‘निडर’ ने अपनी मुखर वाणी से हर कोई को दिवाना बना रखा है (देवेंद्र कश्यप की कलम से ) आज से जब यह मुखर आवाज सदा के लिए मौन हो गई है तो यकीनन लाखों लोगों के साथ ही मै भी अत्यन्त दुखी हूँ अत्यंत दुखद समाचार सुनकर स्तब्ध हूँ, निशब्द हूं आज ऐसी दु:खद घटना हुई जिसने मुझे व्यथित कर दिया ! महाराज गुह्य राज निषाद से कामना करता हूं कि उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं दु:खी परिवार को इस दु:ख सहने की सहनशक्ति प्रदान करें। इसलिए परम शक्ति से परम आराधना है कि श्री मनोज कश्यप ‘निडर’ को अपने श्री चरणों में स्थान देकर उन्हें सदा मण्डित रखें । ” निषाद पार्टी ” के तरफ से उनको अश्रुपूर्ण एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है। जय निषाद राज ????????????????????????????????

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