आलोचना और बुराई नेतृत्व को निखरता है। बिना तपन के तो सोना भी गहना नही बनता। सबसे अच्छी बात तो यह है कि आलोचना अभी घरमे है

आलोचना और बुराई नेतृत्व को निखरता है। बिना तपन के तो सोना भी गहना नही बनता।
सबसे अच्छी बात तो यह है कि आलोचना अभी घरमे है जब यह बाहर निकलेगी तब और ज्यादा गर्मी होगी। ,,जय निषाद राज,, के नारे क़ई जड़ बहुत गहरी है। सभ्यता की जड़ है निषाद। जब यह नारा अपने चर्म पर होगा तब बड़े बड़े सरनेम सामने आएंगे।
,,निषाद,, भगवान बनने और बनाने का बीड़ा उठाना कोई गुड्डे गुड़िया का खेल नही। भगवान बने होंगे निषाद राज तो कुर्बानियाँ भी बड़ी बड़ी की होंगी और भगवान गुहराज निषाद को भगवानो का भगवान बनाने का सामणित अवसर का जुम्मा लिया है डॉक्टर संजय और समर्पित caderised समर्पित टीम ने।
तो अभी बहुत पापड़ बेलने है।
फिर डॉक्टर संजय के मिशन को अगर राजनीतिक सफलता के तौर पर देखो तो काफी अच्छी है।
और अगर मान सम्मान स्वाभिमान की अनुभूति के तौर पर देखो तो बहुत ज्यादा है। आज में गांव गया था तो जिन जान पहचान बालो से मिला तो ,,जय निषाद राज,, के सम्बोधन के साथ अभिबादन सीना चौड़ा कर दिया। एक आममी भी गौरव का अनुभव करता है।
निषादवंश की जड़ श्रृंगवेरपुर महाराज भगवान गुहराज निषाद जी के लिए श्रद्धा एक नए रूप में जाग्रत हुई है। अब यह मिट सकती है, क्या??
जय निषाद राज।।