त्याग और समर्पण करने के लिए तैयार रहना-आल्हा निषाद मंडल अध्यक्ष

हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि
जितनी ऊंचाई का हमारा उद्देश्य है वहां तक हमारे समाज के लोगों को समझने का स्तर
विकसित नहीं हो पा रहा है। इसलिए सारी समस्याएं निर्माण होती हैं राष्ट्रीय निषाद एकता
परिषद में काम करने की कुछ पूर्व शर्ते हैं । पहली शर्त है कि त्याग और समर्पण करने के
लिए तैयार रहना होगा हर दिन महापुरुषों के विचारधारा की बात करना हैं। उन
महापुरुषों ने समाज के लिए अपना सब कुछ त्याग और समर्पित कर दिया। दुनिया में कोई
भी व्यक्ति बिना त्याग और समर्पण के महापुरुष नहीं हुआ है क्योंकि महापुरुषों की
विरासत ही त्याग और समर्पण होती है। अतः आप को त्याग और समर्पण के लिए हमेशा
तैयार रहना होगा। दूसरी शर्त है कि सभी जातियों के उप जातियों का ध्रुवीकरण करने की
क्षमता का निर्माण करना होगा अर्थात जातीय उपजाति पूर्वाग्रह से ऊपर उठना होगा।
समाज के लिए सभी जातियों को लगना चाहिए कि यह हमारा नेतृत्वकर्ता है। यदि आप
केवट, मल्लाह, माझी का संगठन बनाएंगे तो संगठन के उद्देश्य के विरोध में होगा। तीसरी
शर्त है कि सामाजिक ईमानदारी होनी चाहिए। जैसे- यदि कोई अधिकारी है शराब नही
पीता, सिगरेट नही पीता, गुटका नही खाता, रिश्वत नही लेता, वह सज्जन और ईमानदार
है, लेकिन वह जिस समाज की बदौलत वहां तक पहुंचा है, उस समाज के लिए कुछ भी
नही करता तो वह व्यक्ति ईमानदार होते हुए भी सामाजिक बेईमान है। दुनिया में सामाजिक
बेईमान लोग संगठन नही चला सकते हैं।
