इतिहास कहता है वही समाज सफल हुआ है जो समाज अपने नेतृत्वकर्ता पर विश्वास किया है नाकि रायचंदों पर ।–Deelip Kumar sahani

वीरो की धरती गाजीपुर:Deelip Kumar sahani
धीरे-धीरे रे मन, धीरे सब-कुछ होए, माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए
दुनिया में सारी चीजें अपनी रफ्तार से घटती बढ़ती हैं, हड़बड़ाहट से कुछ नहीं होता. माली पूरे साल पौधे को सींचता है और समय आने पर ही फल फलते हैं.
आज जो फ़ेसबुक पर प्रोफ़ेसर डिग्रीधारक बन कर डिग्री बाँट रहे हैं उनकी असलियत कोरे काग़ज़ की तरह है । ये वही प्रोफ़ेसर हैं जो आज तक समाज को गर्त के अलावा सही रास्ते नहीं दिखाए । सिर्फ़ और सिर्फ़ रायचंद बनकर समाज का नुक़सान ही पहुँचाया है । सारे मछुआ समुदाय के नेताओं को इन रायचंदो नें ख़त्म करवा दिया ।
उत्तर प्रदेश में धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव जी और बिहार के मसीहा लालू प्रसाद यादव जी क्यों सफल रहें । इन पर भी तमाम आरोप लगते रहे आरोप राजनीति का आभूषण होता है तमाम आरोपो के बीच संधर्ष ने सफलता पाया क्योंकि ये दोनों नेता कभी रायचंदों के हिसाब से नही चलें । बड़े बडें दिग्गज उस समय भी प्रोफ़ेसर ( रायचंद ) बन रहे थे आज वे भी सभी अपनी फ़र्ज़ी डिग्री का अचार डाल रहे है ।
आज बिहार और उत्तर प्रदेश के वर्तमान मछुआ समुदाय के समय काल की ललकार को देखकर पूर्व की लालू और मुलायम की यदुवंशी जोड़ी की ललकार याद दिला दी । आज कुछ प्रोफ़ेसर अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी को लेकर इतनी गंदी राजनीति कर रहे हैं कि समाज कभी माँफ नहीं करेगा । रायचंद ( प्रोफ़ेसर) कभी मछुआ समुदाय को जमातियों से जोड़ समाज को बरगलाने का काम कर रहे हैं तो कभी यूपी बिहार की दोस्ती को दुश्मनी में बदलने जैसा लेख लिख कर समाज को तोड़ने का काम करते है । ऐसे महानुभाव प्रोफ़ेसरों से मछुआ समुदाय सावधान रहे । इन लोगों ने सिर्फ़ और सिर्फ़ समाज से मछुआ समुदाय के नेताओं को जुदा ही किया है । आज यूपी और बिहार की राजनीति में मछुआ समुदाय उफान पर हैं नेता भी सुरक्षित है जिनका कारण है ऐसे रायचंद वाले प्रोफ़ेसरों से दूर रहना ।
इतिहास कहता है वही समाज सफल हुआ है जो समाज अपने नेतृत्वकर्ता पर विश्वास किया है नाकि रायचंदों पर ।
#जय_निषाद_राज
निषाद पार्टी ज़िंदाबाद
महामना मा डा संजय निंषाद ज़िंदाबाद ।