उत्तर प्रदेशउत्तरप्रदेशचुनावबिहार

क्या तीसरा मोर्चा बनायेंगे डॉ संजय निषाद??

2022 चुनाव में छोटे छोटे दल बड़ी पार्टीयो के लिए “दलदल” बनाने के फिराक में है??
“सत्ता से वंचित वंचितों के जातीय व बर्गीय छोटे छोटे दल सत्ता शासित वर्गीय पार्टीया सपा बसपा भाजपा के लिए “दलदली” जमीन तैयार करके उत्तरप्रदेश के छोटे छोटे दल” 2022 में सपा बसपा भाजपा को फंसा कर खुद सत्ता अपने हाथ मे लेने के फिराक में हैं।
“सपा भाजपा बसपा के 300+के दावेदारी मंथन में “तीसरे मोर्चा में निषाद पार्टी को साथ लाने की मुहिम इस समय तेज़ होती दिख है!
2022 चुनाव में 403 सीटों में बसपा सपा भाजपा 300 से अधिक सीटों पर विजय के लिए सामाजिक व जातीय आधार पर “निषाद पार्टी” की भूमिका को उपरोक्त पार्टियां महत्वपूर्ण मान कर चल रहीं हैं!
160 विधानसभा क्षेत्र में निषाद वंशीय माछुआ नाविक समाज के बाहुलता के आधार पर “निषाद पार्टी” अपने काडर कार्यकर्ताओं के फ़ौज के माध्यम से राजनीतिक रूप से पकड़ मजबूत बना रखा है।
इस लिए 2022 के चुनाव में यदि एकला चलो की स्थिति उत्तपन्न होती है तो लगभग 160 सीट पर निषाद पार्टी इन क्षेत्रों में अपने चुनाव चिंह पर अकेले भी चुनाव लड़ सकती हैं,
निषाद पार्टी लगभग 70 से 80 सीट निर्धारित भी कर चुकी है,जहाँ निषाद वंशीय माछुआ नाविक समाज की बाहुलता 50 हज़ार से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटो मे से 300 सीट से ज्यादा सीट जितने की दावा करने वाली सपा व भाजपा,निषाद पार्टी के बर्चस्व तथा निषाद वंशीय माछुआ नाविक समाज के बाहुलता वाली लगभग 160 को अपने पक्ष में गिनती कर रहे हैं!
भाजपा के अनुसार निषाद पार्टी उनके साथ है!सपा को उम्मीद हैं कि निषाद पार्टी उनके साथ आ जायेगी!
निषाद पार्टी व निषाद बाहुलता वाली लगभग 160 विधानसभा क्षेत्रों की अनुमानित सीटों को सपा भाजपा के 300 सीट के टारगेट से कम कर दिया जाय तो दोनों की स्थिति 140-150 से अधिक नही है!
अनुमान यह है कि निषाद पार्टी 160 सीट स्वयं जीत नही सकती लेकिन सपा भाजपा व जिसके भी साथ निषाद पार्टी जाएगी उनके साथ मिलकर 160 सीट को निश्चित रूप से जिताने में सफल हो जाएगी।
निषाद पार्टी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी 2019 से आज तक आश्वाशन तक सीमित रही है, निषाद पार्टी के मुख्य मांग माछुआ हक का”आरक्षण” पर न हामी भर रही है नाही अभी तक मित्र धर्म तथा सहभागिता के समर्थ का अनुपालन किया है।
“भाजपा या सपा”दोनों तथा तीसरे मोर्चे की राजनीतिक मन्थन में निषाद पार्टी के प्रभाव वाली निषाद बाहुलता वाली”160″सीटे ऊपर घटको के दावेदारी वाले राजनीतिक समीकरण को”निषाद पार्टी” गबड़ब कर सकती हैं।
वैसे निषाद पार्टी के लिए न बसपा पहुच से दूर है नाही किसी तीसरे मोर्चे जैसे ओमप्रकाश राजभर,चन्द्रशेखर रावण,कांग्रेस जैसों से इनकी कोई जमीनी दुश्मनी है।
सपा भाजपा के दावेदारियों का अनुपात कुछ भी हो सकता है दोनों के “300 के टारगेट से 160 सीट कम कर दिया जाय तो तो इनका समीकरण 140*”पर सिमट जाएगा।
भाजपा को लग रहा है कि “निषाद पार्टी”मेरे साथ है ऐसे में उसे 300+ की बढ़त है!
उधर समाजवादी पार्टी इस उम्मीद में है कि भाजपा “निषाद पार्टी” के मुद्दों को हल नही करेगी!अर्थात डॉ सजंय निषाद की बात नही मानेगी ऐसे में “निषाद पार्टी”सपा के साथ आ सकती है ऐसे में सपा भी 300+ पार कर जाएगी!सब ठीक है के चक्कर मे ऐसा भी हो सकता है सपा भाजपा 140 से 130 पर अटक सकती है!
छोटे छोटे दलों के एक प्रमुख घटक दल के मुखिया के अनुसार जातीय व वर्गीय आधार पर बसपा सपा भाजपा को अलग करके तीसरा मोर्चा 2022 चुनाव अलग से लड़ता है।तथा अपने वर्गीय तथा जातीय वोटो को अपने तरफ ध्रुवीकरण करने में सफलता प्राप्त कर लेता है तो तीसरा मोर्चा भी कम से कम 240 से 270 सीट जीत सकता है!
ऐसे में तीसरे मोर्चे का परफार्मेंस बहुत अच्छा भी नही रहा तो भी सपा बसपा भाजपा स्वयम अपने दम पर सरकार नही बना पाएंगी। तीसरे मोर्चे का प्रर्दशन कितना भी बुरा रहा तो भी तीसरा मोर्चा 50 से 100 सीट अपने पक्ष में जीत सकता है।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close