उत्तर प्रदेश

निषाद राज के वंशजों पर निषाद राज का लेवल लगा दो तुम्हारी भी पावर आ जाएगी!

महामना डा0 संजय कुमार निषाद जी

 

निषाद राज के वंशजों पर निषाद राज का लेबल लगा दो तुम्हारी भी पावर आ जाएगी!
निषाद वंशजों को संदेश देना चाहते हैं की आप क्या हैं? आपकी कितनी शक्ति है? आप क्या कर सकते हो? आपके पास कितनी ताकत है?और इस ताकत को लोग कैसे बर्बाद कर रहे हैं? मैं कुछ लेने नहीं आया हूं आपसे? आपको कुछ देने आया हूं- मैं वह चीज देकर जाऊंगा की आपने उसे देना शुरू कर दिया तो आपकी आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो जाएगा!
आपकी गरीबी आपकी लाचारी आपकी बेगारी और आप की बर्बादी को मै इकट्ठा करने के लिए आया हूं कि मेरे संदेश को सुन लिया और गांव वालों को सुना दिया तो जिस प्रकार कभी निषाद राज के हाथ में कलम थी जनता सुखी थी तो पुनः 2022 में निषाद पार्टी के हाथ में कलम होगा और जनता सुखी होगी! वह संदेश क्या है- लखनऊ से कानपुर रोड पर 23 किलोमीटर दूर जाएंगे तो एक निषाद राज का किला है राम अयोध्या से गए तो महाराज गुहा राज निषाद से मिले थें तो वो महान हो गए!”वर्तमान में इसका जीता जागता प्रमाण उत्तर प्रदेश का प्राचीन नगर तीर्थ स्थल कुंभ नगरी इलाहाबाद प्राचीन नाम “प्रयागराज” से लखनऊ कानपुर रोड पर 23 किमी दूरी पर स्थित ऐतिहासिक प्रसिद्ध प्राचीन नगर श्रृंगवेरपुर है यहां के महाराजा संगम राज निषाद के 3 पुत्र प्रयागराज निषाद, तीरथ राज निषाद, और निषाद श्रृंगी ऋषि थे! महाराज तीरथ राज निषाद के पुत्र महाराज गुहराज निषाद थे! महाराज गुहराज़ निषाद के किले व सुशासन प्रणाली के बारे में भारतीय पुरातत्व विभाग ने 1977 से लेकर 1982 तक कराए गए खुदाई के प्रमाण को लिख रखा है! आज से 2000 वर्ष पहले महाराज गूहाराज निषाद का राज/शासन अपने चरमोत्कर्ष पर था” जब राजा रानी के पेट से पैदा होता था तो हमारे पुरखे हुकूमत किया करते थे लेकिन हमारे पुरखों की हत्या कर दी गई यह जितने भी विदेशी आए आपको बर्बाद किए आप के किले को तोड़ दिया और 70 फुट नीचे गाड़ दिया आप अपनी पहचान भूल गए हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों, सक, यमन, हूंड, मुगल, एवं आर्यों को भगाया एक संविधान की किताब बनाया उस संविधान में यह तय हो गया जो इस देश की लड़ाई लड़ा हो और इन विदेशियों को भगाया हो जो कानून बनाकर हमें उजाड़ा हो इसमें निषादों का भी मछुआरों का भी आरक्षण है उसे मिलना चाहिए हमारे लोगों ने लड़ाई लड़कर देश आजाद तो करा दिया लेकिन आजाद कराने के बाद एक गलती कर बैठे कि हम सामाजिक संगठनों से लड़ते रहे हैं इस देश के लोग राष्ट्र भक्त हुआ करते थे ! लड़ाई लड़ते रहे सामाजिक संगठनों के सहारे लड़े और अंग्रेजों को भगाया हमारे पास राजनीतिक पार्टी नहीं थी मेरे पास झंडा, टोपी, नारा, नेता, चुनाव चिन्ह, नहीं था कोई दल नहीं था हम लोगों ने गलती से कांग्रेस का बटन दबा दिया कांग्रेसियों ने- “जय जवान” “जय किसान” का नारा दिया सारे कांग्रेसी जवान हो गए और किसान बूढ़े हो गए 70 साल से हम लोग दल में ना रहने के कारण दलदल में आ गये आपके सामने महा दलदल में रहने वाले दलित समाज एक नेता, एक नारा, एक टोपी, एक चिन्ह, पर विश्वास किया! एक नेता को अपना अगुआ माना बहन कुमारी मायावती को तो 100 गुना दलदल में रहने वाला समाज महल में गया कि नहीं गया- गया! दलित भाइयों ने बहन जी को अपना कमांडर माना तो उनका हक हिस्सा अधिकार उनके घर पर आया कि नहीं आया- आया! ठीक उसी प्रकार से डॉ संजय कुमार निषाद की 99 गलती आप माफ करोगे और अपना कमांडर मान लोगे तो आप का भी हक हिस्सा अधिकार आपके दरवाजे तक आएगा! आपके सामने दलित समाज महल में आया कि नहीं आया- आया!  जो दलदल में था वह महल में है कि नहीं है- है! लेकिन जो दलालों के चक्कर में दलित थे वह दलदल में है कि नहीं है- हैं! आज भी वो दलित जो गांव में बसा है गांव के दक्षिण के किनारे दलालों के चक्कर में हैं वह आज दलदल में है कि नहीं है-है! उसी तरीके से डॉक्टर संजय निकले जो समाज दलदल में चला गया है अगर निषाद पार्टी के दल में आ गए और अपने समाज को लेकर आ गए तो आपकी आने वाली पीढ़ी महल में रहेगी आप तैयार हैं , नाक कान गला चेहरा मां बाप से मिलता है  निषाद राज का खून हम लोगों के शरीर में आया है कि नहीं आया है- आया है! निषादराज कमजोर थे कि शेर थे- शेर थे! आवाज कैसा होना चाहिए शेर जैसा-जय निषाद राज! हमारे बच्चे कमजोर रहेंगे कि शेर- शेर! दलदल में रहेंगे कि महल में- महल में रहेंगे! कच्चा की पक्का- पक्का! हमारा इतिहास खराब था कि अच्छा था- अच्छा था! हमारे पुरखे खराब थे कि अच्छे थे- अच्छे थे! ये सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, पार्टियां हमारा दशा अच्छा कर दिया कि खराब- खराब कर दिया! इन पार्टियों ने हमें आबाद कर दिया कि बर्बाद- बर्बाद! इन पार्टियों को आबाद करना है कि बर्बाद- बर्बाद करना है! 70 साल से जिसकी सरकारें थी उन्होंने हमें आबाद किया कि बर्बाद-! अब बर्बाद होना चाहते हैं कि आबाद होना चाहते हैं-  निषादराज पांव में थे कि पावर में थे-  हमारी गलती से 70 साल से वो लोग पावर में है कि नहीं है- हैं! क्योंकि आपके ऊपर पौवा का लेविल लगा दिया! निषादों के वोट पर पौवा का लेविल लगा दिया और 5 साल पौवा पिलाकर 5 साल के लिए पावर में चले गए आप 70 साल से पांव में हो! “ऐ निषाद राज के वंशजों उठो और जाओ निषाद राज के वंशजों पर निषाद राज का लेबल लगा दो तुम्हारी भी पावर आ जाएगी” कितने लोग पावर में आना चाहते हैं, पैसा चाहिए कि पावर ! निषाद राज के पास पैसा था कि पावर था! निषादराज मांगते थे कि देते थे, टिकट मांगना है कि देना है! 2017 में हमने टिकट दिया था कि नहीं दिया था ! 70 साल से हम लोग धोखा खा रहे हैं कि नहीं- खा रहे हैं! अब धोखा खाना है कि धक्के मारना है! अपने दरवाजे से दुश्मन पार्टियों को धक्के मारकर भगाना है कि नहीं भगाना- भगाना है! अगर धक्के मारकर भगाना है तो पावर में आना है कि नहीं आना है! कितने लोग पावर में आना चाहते हैं- राजनीतिक पावर भगवान से कई गुना पावर है कि नहीं है- है!“Politicul power strong is the gord power” आप बटन नहीं दबाते भाजपा का 2019 में तो क्या भाजपा पावर में आ पाती- नहीं! आपने पंजा बटन दबाना बंद कर दिया तो पंजा जिंदा है कि मर गई- मर गई! आप हाथी का बटन छूना बंद कर दिए तो हाथी जिंदा है कि मर गई- मर गई! आपने साइकिल बटन छूना बंद कर दिया तो साइकिल पंचर हो गई कि नहीं हो गई- हो गई! बोलो भाई हो गई कि नहीं हो गई- हो गई! दिखाई दे रहा है कि नहीं- दे रहा है! इसका मतलब हम लोग जिसकी बटन दबाएंगे उसकी सरकार बनेगी वह पावर में आएगा! 2022 में निषाद पार्टी की बटन दबाकर पावर में आना होगा और मान, सम्मान, स्वाभिमान, रोटी, कपड़ा, और मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजनेस, व्यापार, एवं राजनीत में हिस्सेदारी दिलाना है! तो  13 जनवरी २०२१ को गोरखपुर आइये और महामना डा 0 संजय निषाद जी के सम्मान में जो कि मछुआ दिवस पर गाड फादर ऑफ़ फिसर मैन कि उपाधि से सम्मानित है |  उनके विचारो को सुने |
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