वोटर राजनिती एवं बजट का शिकार हो रहे हैं इसलिए निर्बल हो रहे है।

कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जी कहा करते थे कि सरकार द्वारा जारी 100 रुपये में 99 रु. जनता तक पहुंचते ही नहीं। 99 % तो राजनितिक हिस्सेदार खा जातै हैं। 70 सालों में जो भी सरकार आई वोट लेकर अपने नोट बनाने का काम किया। इनसे पहले अंग्रेजों ने लूटा। कांग्रेस ने सिर्फ जय जवान जय किसान का नारा दिया। अगर इतने सालों में किसानों की जय हुई होती तो क्या आज किसान सड़कों पर होते?
किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरसिप की जरुरत होती है। कांग्रेस के समय से विदेशी कंपनियां, सपा के समय अमर सिंह एंड कंपनी थी, बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी है और वर्तमान समय में अडानी, अंबानी आदि हैं। ये लोग राजनिती एवं बजट के हिस्सेदार होकर सबल होते हैं, वहीं देश के वोटर राजनिती एवं बजट का शिकार हो रहे हैं इसलिए निर्बल हो रहे है। देश में गरीबी तबतक नहीं खत्म होगी जबतक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनकर बजट का हिस्सेदार नहीं होता। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल(निषाद पार्टी) भी यही चाहती है कि वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बन बजट का हिस्सेदार बनें।
देश का असली भगवान वोटर है। वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनेगा तभी देश की गरीबी खत्म होगी। निषाद पार्टी ने Reach the Voter (वोटर के पास जाना होगा), Teach The voter (वोटर को राजनिति पढ़ाना ही होगा) and Caste the Voter(वोटर को गलत जगह वोट पड़ने से हो रहे सत्यानाश को बताना ही होगा) का मुहिम चलाया है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद का कहना है कि आज थाने पर 10 दरोगा हैं तो 4 सपाई हैं , 3 बसपाई हैं, बाकी जिसकी सरकार रहती है उसके हैं। यही हाल सभी अन्य विभागों में भी है। देश को आजाद कराने वाले मछुआ समुदाय, निषाद एवं अति पिछड़ी जातियों के लोग कहां है? उनकी भागीदारी का वक्त आ गया है, चाहे सत्ता हो, शिक्षा हो या रोजगार हो। सभी पार्टियां अपना संकल्प लेती हैं जैसे सभी पार्टियां अपना संकल्प लेती हैं , हमारी पार्टी का भी 13 जनवरी 2013 से प्रत्येक वर्ष संकल्प लिया जाता है, इस बार 13 जनवरी को गोरखपुर में है, जहां देश के प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर विधानसभाओं से लाखों लोग आरक्षण और सत्ता में भागीदारी का संकल्प लेने गोरखपुर आ रहे हैं। तामिलनाडु (पांडिचेरी) में मुझे पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन की उपाधि मिली। मुझे विश्व के मछुआरों का साथ मिला, मैं श्रीलंका भी गया, वहां मैं कोलंबो में निषाद राज की 30 फुट सोने की मूर्ति देख हतप्रद रह गया, वहां हर मंदिर में एक नाव है। हमने अब संकल्प लिया है कि जो उनके वंशज हैं उन्हें उनका अधिकार दिलाया जाए।