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घायल तो यहां हर एक परिंदा है, लेकिन जो फिर से उड़ सका वही जिंदा है ।

“घायल तो यहां हर एक परिंदा है, लेकिन जो फिर से उड़ सका वही जिंदा है ।”
मेरे निषाद समुदाय के लोगों जिस तरह घायल होकर जमीन पर गिर जाने वाला परिंदा जो उड़ नहीं सकता है, वह किसी न किसी जानवर का शिकार बन जाता है ,उसी प्रकार आज निषाद समुदाय हो गया है जो अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों द्वारा शिकार किया गया है ,शोषित किया गया है । मगर अब उसके पंखों में जान डालने के लिए निषाद पार्टी आ गई है, संजय निषाद आ गया है । इसलिए निषाद समुदाय के लोगों हिम्मत करो ,उठो ,अपने पंखो में जान डालो और उड़कर सफलता की बुलंदियों को छू लो ।

