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घायल तो यहां हर एक परिंदा है ,लेकिन जो फिर से उड़ सका वही जिंदा है । :-डॉक्टर संजय निषाद

घायल तो यहां हर एक परिंदा है ,लेकिन जो फिर से उड़ सका वही जिंदा है । :-डॉक्टर संजय निषाद
जिस तरह आज चौराहों पर कहीं आग जलती है तो लोग उसके चारों ओर एकत्र हो जाते हैं ,उसी तरह निषाद समुदाय के अगुवा डॉक्टर संजय निषाद जहां जाते हैं, लोग उनको देखने और सुनने के लिए उमङ रहे हैं । इस कड़ाके की ठंड में भी संजय निषाद द्वारा कहे गए वचन, उनके द्वारा दिया गया ज्ञान, किसी आग से कम नहीं है, जिस का आनंद लेने के लिए निषाद समुदाय के लोग इस कड़कड़ाती ठंड में भी हजारों की संख्या में एकत्र हो जा रहे हैं ।
यही आलम देखने को मिला जनपद कौशांबी के निषाद पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में, जिसके मुख्य अतिथि डॉक्टर संजय निषाद थे । अपने भाषण की शुरुआत शायरी से करते हुए संजय निषाद ने कहां की
