रविंद्र मणि निषाद निषाद पार्टी- प्रदेश अध्यक्ष जी की कलम से…..

साथियों
संकट के समय ही पहचान होती है एक बहादुर सैनिक और एक भगोड़े की,
मुझे याद आती है वह कहानी जब ऐसे ही संकट के दौर में महाराणा प्रताप को घास की रोटियां खानी पड़ी थी आज इतिहास उन्हें इसलिए नहीं याद करता है कि वह एक राजा थे बल्कि इसलिए याद करता है कि संकट के दिनों में भी उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया आत्मविश्वास नहीं डिगने दिया संघर्ष किया और अपने संघर्ष की बदौलत विजय पताका फहराया।
आज हम निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह साबित करना है कि चाहे कुछ भी हो जाए हम अपना धैर्य नहीं खोएंगे अपना आत्मविश्वास नहीं डिगने देंगे संघर्ष करेंगे लड़ेंगे भिड़ेंगे लेकिन फिर भी मैदान छोड़कर नहीं हटेंगे क्योंकि दुश्मन आपके इसी गरीबी बेबसी लाचारी बेरोजगारी का फायदा उठाकर आपके संघर्ष को धूल धूसरित करना चाहेंगे। अब आपको साबित करना है कि हम योद्धा है प्राचीन काल में हमारे पुरखों ने बहुत संघर्ष किया है आज भी उन्हीं का खून हमारे शरीर में है जो ठान लिया तो ठान लिया अब पीछे नहीं हटेंगे । इसके लिए मुझे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े हमें हर बार इस बात को याद रखना होगा निषाद पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो हमें मान सम्मान स्वाभिमान और रोटी कपड़ा मकान दिला सकती है हमें पूरी मजबूती के साथ संघर्ष के मैदान में डटे रहना है यह दौर भी गुजर जाएगा लेकिन दुनिया उन्हें याद करेगी जो लड़े भिड़े संघर्ष करते रहे लेकिन हार नहीं माने हमें उन्हीं में से एक बनना होगा।
जय निषाद राज साथियों…
निषाद पार्टी- जिन्दाबाद!!
महामना मा डॉ संजय कुमार निषाद- जिन्दाबाद!!