प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना द्वारा मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का पैकेज

लक्ष्यपरक एवं अनुशासित कार्यकर्ता ही कैडर होता है तथा भविष्य में निषाद पार्टी का कैडराइजड वयक्ति ही समाज का नेतृत्व करेगा।
डा. संजय कुमार निषाद राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी जी का कहना है कि ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक विषयों पर जानकार, समझदार, होशियार, ज्ञानवान, शिक्षित, प्रशिक्षित, दक्ष कार्यकर्ता ही समाज का रीढ़ या आधार होता है। शिक्षित, प्रशिक्षित, दक्ष कार्यकर्ता ही समाज की समस्याओं को जानकर, समझकर सरल तरीके से अपने समाज में जाकर बता सकता है कि लोकतंत्र में सभी प्रकार के समस्यायों का समाधान केवल राजनैतिक दल से ही संभव है। (Political Power is the Master kye) जब हम अपने इतिहास की गहराई से अध्ययन करते हैं तो पता चलता है कि हमारे पुरखों को सामंतवादी ताकतों ने शिक्षा से वंचित रखा, जिसकी वजह से हमारे पुरखे अनपढ़ और अज्ञानी बने रहे। सामंतवादी ताकतो ने हमारे पुरखों के अज्ञानता का फायदा उठाया। जिसका परिणाम हुआ कि गुलामी की दीवार मजबूत होती चली गई और वह दीवार आज जस की तस खड़ी है उसमें जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ है बल्कि थोड़ा बहुत सुधार हुआ है सुधार और परिवर्तन को अलग अलग बात है को हमें गहराई से समझने की जरूरत है।
हमारे पिछली पीढ़ी के संघर्षों का परिणाम है कि आज हम थोड़ा बहुत पढ़-लिख लिए है। पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी हम धर्मान्ध अंधविश्वासी व्यवस्था की गुलामी को नहीं समझ पा रहे हैं आज की जो सामाजिक समस्या है उसमें शिक्षा योग नेतृत्व का अभाव होने की वजह से हम लोगों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
निषाद पार्टी के सभी सब शिक्षित-प्रशिक्षित, दक्ष, अनुशासित कार्यकर्ताओं को अपने समाज का नेतृत्व करना होगा। नहीं तो हमारे समाज की हालत बदतर से बदतर हो रही है व रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसे रोकने के लिए हमें अपने समाज को प्रयागराज की पवन धरती पर स्थित श्रृंगवेरपुर धाम के महाराजा गुह्यराज निषाद जी के ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक विषयों पर जानकार, समझदार, होशियार, ज्ञानवान, शिक्षित, प्रशिक्षित, दक्ष अनुशासित कार्यकर्ताओं की फौज तैयार एवं जागृत कर उन्हें संगठित करना होगा। उन्हें उनकी राजनैतिक गुलामी का एहसास कराना होगा। तब जाकर हम उन्हें जागृत कर सकते हैं और जागृत करके व्यवस्था व सत्ता में परिवर्तन के लिए उन्हें तैयार कर सकते हैं। तभी हम व्यवस्था और सत्ता में परिवर्तन करके अपने महाराजा गुह्य राज निषाद जी की खोई हुई निषाद संस्कृत एवं सभ्यता को पुनः कायम कर सकते हैं और देश को फिर से सोने की चिड़िया बना सकते हैं अगर हम देश में क्रांति की आग पैदा कर देते हैं तो दुश्मन सत्ता छोड़ कर हट जाएगा और हमारे जूते के फीते खोलने को मजबूर हो जाएगा। लक्ष्य परक एवं अनुशासित कार्यकर्ता ही कैडर होता है। भविष्य में निषाद पार्टी का कैडराईजड कार्यकर्ता ही पार्टी और समाज का नेतृत्व करेगा।
“निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला है कि “!
1- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि 1891 के समुदायिक जनगणना के अनुसार श्री आर.बी. रसेल व हीरा लाल द्वारा 1916 में लिखित पुस्तक ‘‘दि ट्राइब्स एण्ड कास्ट्स आॅफ सेन्ट्रल प्रोविन्सेज’’ के वाल्यूम-1 के अंतिम भाग में ग्लोसरी नाम से जातियों का जो शब्दकोश दिया गया है, उसके पृष्ठ- 388 पर मांझी को केवट की पर्यायवाची व मजवार को केवट तथा बोटमैन में सम्मिलित दर्शाया गया है। मजवार शब्द मझवार का अपभ्रंश है। यूनाइटेड प्रोविन्सेज आॅफ आगरा एण्ड अवध पार्ट-1 रिपोर्ट सेन्सस आॅफ इण्डिया-1931 के लिस्ट (ए) अनटचेबल एण्ड डिपेस्ट कास्ट्स की सूची के क्रमांक- 8 पर मझवार (मांझी) अंकित है। मा.उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्ड पीठ लखनऊ द्वारा याचिका संख्या-9312/1988 ओम प्रकाश बनाम उ.प्र. सरकार के निर्णय में मांझी को मझवार का पर्यायवाची बताया गया है। दि ट्राइबल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट छिंदवाड़ा ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेन्ट मध्य प्रदेश शासन के अध्ययन प्रतिवेदन -1961 ‘‘दि ट्राइब्स आॅफ मध्य प्रदेश’’ के पृष्ठ-52, 53 पर मझवार नाम से दिये गये आलेख में मझवार, मांझी व मझिया बताया गया है। इन्हें बोटमैन, फिशरमेन व फेरीमैन भी कहा गया है।
2- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि भारत सरकार के इन्थ्रोपोलोजिकल सर्वे आॅफ इण्डिया के पूर्व डायरेक्टर जनरल एवं आई.ए.एस. अधिकारी डाॅ.के.एस.सिहं द्वारा कराये गये वृहद सर्वेक्षण/अध्ययन के आधार पर लिखित पुस्तक ‘‘पीपुल आॅफ इण्डिया’’ नेशनल सीरीज वाल्यूम-3, दि शिड्यूल्ड ट्राइब्स के पृष्ठ 710 पर ‘‘मांझी आलेख में मांझी का अर्थ बोटमैन तथा मांझी को मल्लाह, केवट, नाविक का पर्यायवाची माना गया है। विभिन्न शब्दकोषों में मांझी का अर्थ केवट, मल्लाह, धीवर, धीमर, नाविक का ही उल्लेख मिलता है।
3- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि इन्थ्रोपो लोजिकल सर्वे आॅफ इण्डिया के पूर्व डायरेक्टर जनरल के.एस. सिंह द्वारा “दी शेड्यूल्ड कास्ट्स’’ के अनुसार मझवार व मांझी को परस्पर पर्यायवाची माना गया है। राधेमोहन बनाम दिल्ली परिवहन निगम के रिट पिटीशन सं.-2493/85 के निर्णय दिनांक-8 जनवरी, 1986 के अनुसार मल्लाह की पर्यायवाची केवट, मांझी, झीमर, धीवर आदि को माना गया है। 10 वर्षीय मत्स्य पालन पट्टा के लिए उ.प्र. सरकार द्वारा जारी शासनादेश में मछुवा समुदाय के अन्तर्गत मछुवा, केवट, मल्लाह, बिन्द, धीवर, धीमर, बाथम, रायकवार, मांझी, गोड़िया, कहार, तुरैहा या तुराहा जाति का उल्लेख किया गया है।
4- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि रिट पीटीशन सं-1278 के संदर्भ में 25 फरवरी, 2005 के निर्णय के अनुसार तुरैहा समुदाय को धीमर जाति के रूप में निर्णित किया गया है। गोड़ जाति को अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति के रूप में उ.प्र. के पूर्वांचल के 13 जनपदों में स्थानान्तरित करते हुए भारत सरकार के 15.06.2001 के मिनट्स ट्वेंटिथ मिटिंग आॅफ नेशनल कमीशन फाॅर एस.सी. एण्ड एस.टी. के अनुसार धुरिया, पठारी, राज गौड़, कहार, गोड़िया, धीमर, रायकवार, बाथम आदि को गोड़ की पर्यायवाची माना गया है।
5- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि उत्तर प्रदेश भूमि प्रबंधक समिति नियम संग्रह (गांव समाज मैनुअल) के अनुसार मल्लाह का तात्पर्य मल्लाही का काम करने वाले समुदाय के अन्तर्गत आने वाली केवट, मल्लाह, कहार, गोड़िया, तुराहे, बिन्द, चांई, सुरैहा, मांझी, बाथम, भोई, धुरिया, धीवर, रायकवार और मझवार से है।
6- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि हरियाणा की कामन लिस्ट में क्रमांक 19 पर धीवर, मल्लाह, कश्यप, कहार, झीमर, धीमर एवं पंजाब की काॅमन लिस्ट के क्रमांक-35 पर धीमर, मल्लाह, कश्यप व महाराष्ट्र की काॅमन लिस्ट के क्रमांक 211 पर केवट, धीवर, मांझी, धीमर, मछुआ, गोड़िया कहार, धुरिया कहार, भोई वर्तमान में 2013 से निषाद, मल्लाह, नाविक को भी शामिल कर लिया गया है। मध्य प्रदेश की काॅमन लिस्ट के क्रमांक- 11 पर धीमर, भोई, कहार, धीवर, रायकवार, मल्लाह, तुरैहा और दिल्ली की सूची में मल्लाह के साथ निषाद, मांझी, केवट, धीवर, कश्यप, झीमर, कहार व राजस्थान की अन्य पिछड़े वर्ग की सूची के क्रमांक- 14 पर धीवर, कहार, भोई, कीर, मेहरा, मल्लाह, निषाद, मछुआरा आदि, छत्तीसगढ़ की पिछड़े वर्ग की सूची के क्रमांक- 18 पर धीमर, कहार, भोई, धीवर, मल्लाह, तुरहा, केवट, कैवर्त, रायकवार, कीर, सोन्धिया आदि जातियों को सूचीबद्ध किया गया है।
7- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि मल्लाह, मांझी, निषाद, केवट, धीवर, बिन्द, तुरहा, धीमर, कहार, कश्यप, गोड़िया, रायकवार, धुरिया, तुरैहा आदि जातियां किसी न किसी रूप में मझवार/मांझी की ही पर्यायवाची जातियां हैं। सेन्सस-1961 के क्रमांक- 59 पर पासी, तड़माली की पर्यायवाची भर, क्रमांक- 65 पर शिल्पकार की पर्यायवाची कुम्हार को माना गया है।
8- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि अतिपिछड़ी जातियों के पास पोलिटिकल गाड फादर व पोलिटिकल साउण्ड न होने के कारण उक्त जातियां संविधान प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों से वंचित की जाती रही हैं। 1978 में जनता पार्टी सरकार द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में मल्लाह, केवट, कहार, धीवर, बिन्द, कुम्हार, भर/राजभर को शामिल कर लिये जाने के कारण इन जातियों को मझवार, तुरैहा, गोड़, पासी, तड़माली, शिल्पकार आदि के नाम से अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने में तहसील कर्मियों व राजस्व अधिकारियों द्वारा अड़चन पैदा की जाने लगी।
9- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि
संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जनजाति की सूची में कोई फेर बदल नहीं कर सकती। जब मल्लाह, मांझी, केवट आदि को 1961 में रजिस्ट्रार जनरल आॅफ इण्डिया/सेन्सस कमीशनर द्वारा 1961 में ही मझवार जाति की पर्यायवाची या वंशानुगत नाम मान लिया गया, तो राज्य सरकार ने मल्लाह, केवट आदि को अन्य पिछड़े वर्ग में परिवर्तन कैसे कर दिया? ऐसा किया जाना संविधान के अनुच्छेद 341 का स्पष्ट तौर पर उल्लघंन है।
10- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि संविधान अनुसूचित जाति आदेश 1950 से सम्बंधित संवैधानिक फाइल संख्या 74/4/1950 पब्लिक गुम हो गई है। यह जानकारी आरटीआई के जरिए मिला है। उत्तर प्रदेश राज्य से 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास 2007 से विचाराधीन है। सभी जातियों के बहुत से संगठन के लोगों द्वारा लगातार आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, रैली, सरकार के धेराव चल रहा है। आरटीआई के जरिए कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के प्रकरण में जानकारी मांगी गई थी जिसमें पत्रावली के गुम होने का खुलासा हुआ है। आरटीआई के अपील में केन्द्रीय सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश संख्या सी.आई.सी./सी.ए./ए./ 2012/001036 दिनांक 06/09/2012 के परिपालन में केन्द्रीय सूचना अधिकारी एवं निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा अपने पत्र संख्या 17020/126/2011 एस.सी.डी.(आर.एल.शैल) दिनांक 16/10/2012 के माध्यम से सूचित किया है कि सूचना से सम्बंधित पत्रावली संख्या 74/4/1950 पब्लिक गुम हो गई है। इस पत्रावली के गृहमंत्रालय के पास होने की सम्भावना जताई गई। गृहमंत्रालय के केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी नई द्वारा अपने पत्र संख्या 1/14/2012 ओ.आर.आर. दिनांक 29/12/2012 द्वारा अवगत कराया गया है कि सम्बंधित पत्रावली संख्या 74/4/1950 पब्लिक गृहमंत्रालय में नहीं है। संविधान से सम्बंधित पत्रावली कभी नष्ट नहीं की जाती है तथा ऐसी पत्रावलियां समय समय पर प्रशासकीय मंत्रालय की ओर से नेशनल आर्काइव्ज आफ इंडिया (एन.ए.आइ.) में हस्तांतरित की जाती है। उक्त पत्रावली या तो समाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्रालय के पास होगी अथवा नेशनल आर्काइव्ज आफ इंडिया के पास होगी। दिनांक 06/11/2013 के पत्र संख्या 01/14/2012 ओ.आर.आर के माध्यम से जन सूचना अधिकारी गृहमंत्रालय ने अवगत कराया है कि एन.ए.आई. के आर्कियोलोजिस्ट द्वारा लिखित रूप से यह सूचित किया गया है कि यह फ़ाइल एन.ए.आई. में कभी भेजा ही नहीं गया है। तथा
एन.ए.आई. के पास भेजी गई फाईलों की 146 पेज की सूची उपलब्ध कराई गई है जिसमें संविधान अनुसूचित जाति आदेश 1950 से सम्बंधित संवैधानिक फाइल संख्या 74/4/1950 पब्लिक नहीं है। अर्थात फाइल संख्या 74/4/1950 पब्लिक कभी भेजी ही नहीं गई है।
केन्द्रीय सूचना अधिकारी एवं निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा पुनः अपने पत्थर संख्या 17020/126/2011एस.सी.डी.(आर.एल.शैल) दिनांक 21/12/2014 द्वारा अवगत कराया गया है कि संवैधानिक फाइल संख्या 74/4/1950 पब्लिक खोजी नहीं जा सकी है। पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि यह पत्रावली धोखेबाजी से जाटवो को सभी पिछड़ी जातियों के हिस्से खिलाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मा मुकुल वासनिक एवं कुमारी शैलजा के द्वारा अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ षड्यंत्र रचकर गायब कराईं गई ताकि अतिपिछड़ी जातियों का अनुसूचित जाति का प्रकरण बाधित किया जा सके। इस लिए संसद मार्ग दिल्ली के थाने में 03/06/2019 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मा मुकुल वासनिक एवं कुमारी शैलजा और उनके अधिनस्थ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
11- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध तरिके से प्रयास जारी है कि 17 पिछड़ी जातियों को केन्द्र में तत्काल अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करके इस समाज के लोगों को बैकलॉक के रूप में सभी क्षेत्रों में सुविधाएं दें।
12- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध तरिके से प्रयास से 16/08/2016 को
निषाद पार्टी की घोषणा, 2017 विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा, 60 सीटों पर चुनाव लड़कर 6.5 लाख वोट प्राप्त कर एक विधायक विधानसभा में पहुंचाना, हजारों लोगों के साथ 29 मार्च 2017 को प्रधानमंत्री का घेराव करने हेतु जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन, 2018 के उपचुनाव गोरखपुर से इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद जी को लोकसभा में भेजकर मझवार के प्रयायवाची जातियों पर आवाज उठवाना, 7 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री आवास गोरखपुर का घेराव, लाठीचार्ज, मार्च 2019 को प्रधानमंत्री का घेराव, गाजीपुर आठवां मोड़ घटना में धारा 302 अपराध में 80 निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज, अनवरत प्रत्येक जिलों में रेल ट्रैक आंदोलन, सड़क आंदोलन, धरना प्रदर्शन सभी तहसीलों में ज्ञापन सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन, पुतला दहन, विरोध धरना, प्रदर्शन जिलेवार विशाल रैलीयां, पुनः 2019 के चुनाव में संत कबीर नगर से इंजीनियर निषाद एमपी बनाकर सदन में आपके यहां किससे एवं संविधान में लिखे हुए अधिकारों की आवाज उठाने के लिए लोकसभा में भेजना।
13- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध तरिके से प्रयास से अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित का प्रमाण पत्र निर्गत कराने हेतु माननीय सांसद द्वारा 30 मई 2019 को मुख्यमंत्री को आवेदन देकर 21/12/2016, 22/12/2016 और 30/12/2016 की आदेशों का अनुपालन करा कर 24/6/2019 का शासनादेश आपके सामने परिणाम के रूप में है। 24/1/2017 का हाईकोर्ट का स्टेट ऑर्डर 3 दिन बाद ही 27/1/2017 को जिलाधिकारी कहां पहुंचा था लेकिन 29/3/2017 का हाईकोर्ट का ऑर्डर सचिवालय के न्याय विभाग में अन्याय के रूप में 2 साल 3 महीने धूल चाट रहा था। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के राजनीतिक रणनीति का परिणाम रहा कि 2019 चुनाव होने के एक महीने बाद बाद ही अति पिछड़ी जातियों के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी करने का सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कराना आपके संघर्षों का परिणाम है।
14- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास का आप सबको जानकारी होने चाहिए कि आरक्षण जो लागू है वह हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में लागू है। इसीलिए किसी के विरोध करने से उस पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। अभी शासन के nic.com नेट पर अपलोड हो गया है। जिलाधिकारीयों के पास 24/6/2019 का शासनादेश चला गया है। आप लोग जिलाधिकारी के पास जाकर 24/6/2019 की कापी के साथ 21/12/2016 व 22/12/2016 के शासनादेश एवं 31/12/2016 अधिसूचना और 29/3/2016 के हाईकोर्ट के आदेश की कापी संलग्न कर शासनादेश के अनुपालन में तहसीलदारों को निर्देशित कराने का आवेदन कर तहसीलों में जिलाधिकारी के माध्यम से आदेशों की प्रति तत्त्काल उपलब्ध कराएं। तत्पश्चात अपनी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन दीजिए। अपने परिवार का आवेदन पत्र तहसील कलेक्ट्रेट में प्रस्तुत करें। जहां से आपको जाति प्रमाण पत्र बन जाएगा। इसी प्रकार 2005 में जिनके भी प्रमाणपत्र बनें थे वह आज भी वैध है और लोग नौकरी में कार्यरत हैं। भले ही मायावती ने 2007 में शासनादेश निरस्त कर दिया था। सभी निषाद समाज के भाइयों से निवेदन है कि हमें डॉ संजय निषाद जी को मजबूत कर निषाद समाज को मजबूत कर अपने संवैधानिक हक़ को प्राप्त करना चाहिए।
15- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से 1 फरवरी 2014 से 11 फरवरी 2014 तक जिलाधिकारी गोरखपुर के सामने क्रमिक अनशन, धरना-प्रदर्शन, लाखों लोगों के साथ 17 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री आवास लखनऊ धरना-प्रदर्शन, लाठीचार्ज, 7 जून 2015 रेल ट्रेक आंदोलन, कसरवलकांड, सरकार के ताण्डव से शहीद अखिलेश निषाद एवं 37 लोगों सहित डॉक्टर संजय कुमार को धारा 302 में अपराधी घोषित, लगभग 7 लाख लोगों के साथ रमादेवी पार्क लखनऊ में प्रादेशिक आरक्षण आंदोलन, धरना-प्रदर्शन में निषाद पार्टी की घोषणा, 2017 विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा से उत्तर प्रदेश सरकार प्रभावित होकर समस्या समाधान हेतु 21 एवं 22 दिसम्बर, 2016 को शासनादेश संख्या-234/216/297 सी0एम0/ 26-3-2016-3(15)/2007 शासनादेश जारी किया है।
16- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से 31 दिसम्बर, 2016 को कार्मिक अनुभाग-2 संख्या-4 (1)/2002-का-2 के आधार पर अपर मुख्य सचिव ने अधिसूचना जारी करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 (उ.प्र. अधिनियम संख्या-4 सन् 1994) की धारा-13 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अतिपिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धिमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को पिछड़े वर्ग के बजाय अनुसूचित जाति का लाभ देने का सभी विभागाध्यक्षों को आदेशित किया है। उपरोक्त आदेश में उक्त जातियों को परिभाषित (स्पष्ट) किया गया।
17- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से शासनादेश संख्या-1442/छब्बीस- 818-1957 दिनांक- 22 मई, 1997 का आंशिक संशोधन करते हुए भारत सरकार द्वारा पारित अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 दिनांक- 27 जुलाई, 1977 को प्रभावी कर दिया गया। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 29 अगस्त, 1977 को जारी शासनादेश संख्या-6744/छब्बीस-77-17 (21)-74 के आधार पर अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक-36 पर गोड़, क्रमांक-53 मझवार, 59 पर पासी, तड़माली, 65 पर शिल्पकार व 66 पर तुरैहा जाति अंकित है। 17 अतिपिछड़ी जातियों में 13 उपजातियाँ मझवार, गोड़, तुरैहा की पर्यायवाची व वंशानुगत नाम है। गोड़, मझवार, पासी, तड़माली, शिल्पकार व तुरैहा जाति नहीं है बल्कि उपजातियों एवं पर्यायवाची जातियों का समूह है।
18- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से पता चला कि सेन्सस आॅफ इण्डिया-1961 अपेंडाईसेस टू सेन्सस मैनुअल पार्ट-1 फाॅर उत्तर प्रदेश की अपेंडिक्स-“एफ” लिस्ट-1 के अनुसार क्रमांक-51 पर अनुसूचित जाति मझवार की पर्यायवाची या जेनरिक नेम्स मांझी, मुजाबिर, राजगोड़, मल्लाह, केवट, गोड़ मझवार को माना गया है। इसी सूची के क्रमांक- 24 पर चमार, धुसिया, झुसिया या जाटव, जाति की पर्यायवाची व वंशानुगत नाम गहरवार, अहिरवार, जटीवा, कुरील, रैदास, दोहर, रविदास, चमकाता, भगत, चर्मकार, जैसवार, रैया, दोहरा, धौंसियार, पिपैल, कर्दम, नीम, दौबरे, मोची, उतरहा, दखिनहा का उल्लेख है। इन सभी को चमार या जाटव का प्रमाण-पत्र निर्बाध रूप से जारी किया जाता है। लेकिन दूसरी तरफ जब मझवार का प्रमाण-पत्र मांगा जाता है, तो तहसील कर्मियों द्वारा मल्लाह, मांझी, केवट, गोड़िया आदि बताकर आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाता है।
19- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से जो 21 एवं 22 दिसम्बर 2016 के शासनादेश को डाॅ. बी.आर. अम्बेडकर ग्रन्थालय एवं जनकल्याण समिति की याचिका 2129/2017 के अनुरोध पर न्यायालय ने 24 जनवरी, 2017 को स्टे कर दिया था। निषाद समाज के दर्जनों अधिवक्ताओं के साथ सुनील तिवारी और निषाद पार्टी के वरिष्ठ संविधान विशेषज्ञ अधिवक्ता रवीकान्त अग्रवाल एवं बंशी लाल निषाद के द्वारा दलील दी गई कि राष्ट्रपति के1961 के जनगणना अधिसूचना के अनुसार मछुआ समुदाय की सभी जातियां मझवार, गौड़, तुरैहा के नाम से संविधान की सूची में सूचीबद्ध हैं और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के 31 दिसम्बर 2016 के अधिसूचना के अनुसार 17 अति पिछड़ी जातियां को नियमानुसार पिछड़ी जाति के सूची से बाहर कर अनुसूचित जाति का लाभ देने का हकदार बना दिया है के प्रतिलिपी के आधार एवं 27 मार्च 2017 को निषाद पार्टी के विशाल धरना प्रदर्शन के उपरांत हाईकोर्ट ने 29 मार्च, 2017 को स्टे हटा लिया गया है।
20- निषाद पार्टी के योजनबद्ध प्रयास से अतिपिछड़ी जातियों-मल्लाह, केवट, निषाद, धीवर, धीमर, रायकवार, कहार, बाथम, गोड़िया, तुरहा, बिन्द, भर, राजभर, कुम्हार, प्रजापति जातियों के नाम से जाति प्रमाण-पत्र जारी कराने एवं मझवार गौड़, तुरैहा को परिभाषित करने व अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल मूल जाति के नाम से प्रमाण-पत्र जारी किये जाने की मांग को लेकर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी के नेतृत्व में आंदोलन करते आ रहे। प्रमुख सचिव समाज कल्याण से 24 जून, 2019 को शासनादेश जारी कर है, अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ देने का हकदार मानकर सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।
21- निषाद पार्टी के समर्पित एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के राजनैतिक रणनीति, नेतृत्व एवं प्रयास एवं आपके प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन और आशीर्वाद, जनसमर्थन, तन, मन, धन के सहयोग का परिणाम रहा कि 2019 चुनाव होने के एक महीने बाद बाद ही अति पिछड़ी जातियों के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी करने का सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित कराना संघर्षों का परिणाम है। आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार के तरफ संघर्ष का रुख करने में आपका सहयोग मिलता रहेगा।
22- NISHAD पार्टी से पूरे देश में वंचित समुदाय के लिए निषाद पार्टी के कार्यकर्ता एक मिसाल हैं। मां. हाईकोर्ट के दिनांक 29/03/2017 के निर्णय और 24/06/2019 के शासनादेश का पूरा लाभ 17 अतिपिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धिमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अवश्य मिलेगा है।
23- NISHAD पार्टी में राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी के सभी समर्पित एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही जगह मिले जो जिला, बूथ और ब्लॉक स्तर पर निषाद पार्टी को मजबूत करने का काम लगातार जारी रखने का कार्य करते है, इसका प्रयास किया जाता है।
24- NISHAD पार्टी के अनुसार राजनीतिक भागीदारी के बिना सामाजिक विकास नहीं हो सकता। सभी राजनैतिक दलों की सरकार बनाने में मछुआ समुदाय अहम भूमिका निभाता है।
20- NISHAD पार्टी ने जनजागरण, सम्मेलन और धरना प्रदर्शन के माध्यम से समाज के विभिन्न मांगों के प्रति ध्यानाकर्षण कराता है, सरकारों के खिलाफ हल्ला बोलने में निषाद पार्टी के कार्यकर्ता निष्पक्ष होकर काम करते रहे हैं।
25- NISHAD पार्टी के अनुसार मछुआ समुदाय को अनुसूचितजाति का दर्जा जरूर मिलेगा, लेकिन प्रकिया लम्बा है। हम पार्टी के लोग प्रयासरत हैं। जल्द कामयाबी अवश्य मिलेगी।
26- NISHAD पार्टी के अनुसार हर किसी के अंदर प्रतिभा छिपी रहती है, बस उसे उभारने एवं संवारने की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह संगठन और समाज में मजबूती लाने की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। मछुवारें एकजुट हो और इसका भी प्रयास है कि मछुआरों की आर्थिक स्थिति को संबल बनाने की दिशा में कार्य NISHAD पार्टी कर रही है।
27- NISHAD पार्टी के प्रयास से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 24/06/2019 को जो अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाने का आदेश हुआ है। उसमें 14% आबादी अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति के हकदार हैं सम्भव हुआ।
28- NISHAD पार्टी के प्रयास से हाईकोर्ट के आदेश 29/3/2017 को मानकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी संख्या-142/2019/208 सी0एम0/26-3-2019 दिनांक 12/06/2019 एवं 153/2019/2580/26-3-219-3 (15)/2007टी.सी.-1- 24/06/2019 के शासनादेशानुसार सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया है।
29- NISHAD पार्टी के प्रयास से हाईकोर्ट के आदेश 29/3/2017 को मानकर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी संख्या-142/2019/208 सी0एम0/26-3-2019 दिनांक 12/06/2019 एवं शासनादेश संख्या 153/2019/2580/ 26-3-219-3(15)/2007टी.सी.-1- 24/06/2019 के शासनादेशानुसार सरकार ने एतिहासिक फैसला लेकर NIC पर अपलोड किया है।
30- NISHAD पार्टी जिसका स्पष्ट ध्येय, नीति, सिद्धान्त एवं विशेष प्रकार की कार्यप्रणाली है। उद्देश्यपूर्ति हेतु अनुशासित कार्यकर्ताओं की खोज एवं पार्टी कार्यकारणी गठन हेतु पहले पूरे देश एवं प्रदेश में राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के माध्यम से ऐतिहासिक, सामाजिक, वैचारिक, राजनैतिक और वोटर कैडर से निर्बलों, शोषितों एवं वंचितो को जानकार, समझदार, ज्ञानवान एवं होशियार बनाकर अनुशासित कार्यकर्ताओ की फौज तैयार किया है।
31- NISHAD पार्टी जिसमें कई प्रदेशो तथा उत्तर प्रदेश के लगभग ज्यादातर जिलो के सैकड़ो लोग मिलकर 2015 में “निर्बल ईण्डियन शोषित हमारा आम दल” कार्यकारिणी गठन कर निर्वाचन आयोग से 16 अगस्त 2016 पंजीकृत कराकर 2017 में विधान सभा चुनाव लड़ाकर राजनैतिक चेतना विहिन समाज में चेतना लाकर एक सीट जितकर, 50 सीटो पर बेहतर प्रदर्शन कर 70 वर्षों का जंगल राज खत्म कर दिया।
32- NISHAD पार्टी जिसके वजूद से पूर्व लोग अनेको प्रकार की भ्रांतियां फ़ैलाते थे कि डाॅ. संजय निषाद जी पार्टी नहीं बनायेंगे, पंजीकृत नहीं करायेंगे, जब पार्टी पंजीकृत हो गयी तब कहने लगे चुनाव चिन्ह नहीं मिलेगा, किसी पार्टी को समर्थन कर देंगे पार्टी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आदि आदि आरोप लगाने एवं समाज को गुमराह करने वाले ये भ्रष्ट राजनैतिक सौदागरों की दुकान बंद कराकर वंचित समाज को राजनैतिक हथियार देकर मजबूत किया है।
33- NISHAD पार्टी वंचित समाज को उनका संवैधानिक हक हिस्सा, आरक्षण दिलाने हेतु 17 फरवरी 2014 सीएम हाऊस लखनऊ, 7जून 2015 रेल रोको आन्दोलन गोरखपुर, 27 मार्च 2017 जन्तर-मंतर दिल्ली एवं हर महिने जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन संघर्ष करते हुए 2019 के लोक सभा चुनाव में कुटिनीतिक साझेदार बनी! अनुशासित कार्यकर्ताओं को शिक्षित-प्रशिक्षित कर प्रदेश कमेटी, मंडल, जिला, विधान सभा तथा बूथ लेवल कमेटी गठन की प्रक्रिया लगातार चलाती रहती है।
34- NISHAD पार्टी बिना गुमराह हुए अनुशासित लोग परिवार सहित प्रशिक्षित हैं। माया, मुलायम,के जंगलराज खत्म करने एवं अपना खोया हुआ गौरवशाली इतिहास वापस पाने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे है। ऐसे सभी कार्यकर्ताओ को समाज हमेशा याद करेगा।
35- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसमे बहुत लोग अपने परिवार सहित पार्टी के पदाधिकारी बनकर जिला स्तर पर अपने सक्षम पदाधिकारी से सम्पर्क कर प्रशिणोपरान्त क्षमतानुसार जिम्मेदारी लेकर कैडर के सभी गुणों को विकसित कर ईमानदारी से अनुशासन में रहकर लक्ष्य प्राप्ति हेतु दिन रात काम कर रहे है।
36- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसमे लक्ष्य प्राप्ति हेतु दुश्मन पार्टीयों को परास्त करने तथा समयानुसार राजनीतिक सहभगिता के लिए पार्टी को शक्तिशाली बनाने हेतु सटीक साझेदार भी बनती रही है।
37- NISHAD पार्टी के कार्यकर्ता अपने सीमित साधन-संसाधनो से प्रतिदिन पार्टी के उद्देश्य, विचारधारा, निति, कार्यप्रणाली एवं सिद्धान्त का प्रचार-प्रसार कर कार्यक्रम, कार्यकर्ता एवं कोष का निर्माण कर आगे लक्ष्य तरफ बढ़ रहे है।
38- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसमें सुचिता एवं पंजीकरण नियमितिकरण हेतु पदाधिकारी द्वारा लिये गये रसीदों का लेखा-जोखा आय-व्यय एवं अन्य विवरण समय-समय आयोजित मिंटीगों, अधिवेशनो, शिक्षण-प्रशिक्षण कैडर कैम्पों तथा कार्यालयो में जमाकर अनुशासन का परिचय देते है। जो अब निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत लेखा परिक्षक से परिक्षण कराकर जमा कराना आसान है।
39-NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसके पास वंचित समाज के भविष्य निर्माण सुनियोज योजनाएं है।
40- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी जिसका उद्देश्य सिर्फ समाज को ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक श्रोतों की जानकारी देकर उनका अधिकार दिलाने हेतु उन्हीं के समाज से समय,पैसा,बुद्धि, हुनर को पार्टी के विकास मे लगाना है। जिससे राजनीतिक स्वालम्बन हेतु प्रशिक्षिति लोग प्रतिनिधी बने।
41- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसने हजारों शिक्षित-प्रशिक्षित वक्ता तैयार कर राजनीतिक भविष्य के लिए चेतना भर रही है।
42- NISHAD पार्टी देश में पहली एक ऐसी पार्टी है जिसमें उपेक्षित समाज के सभी उपजातियों को सवैधानिक लोकतांत्रिक तरिके से चयनित कर राजनीतिक जिम्मेदारी के लिए प्रेरित कर रही है। जिस जाति/समाज को गुलाम बनाना हो उसके इतिहास को नष्ट कर दो और जिस देश को गुलाम बनाना हो तो उसकी संस्कृति को नष्ट कर दो।
43- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि भारत की प्राचीनतम् नाम ‘निषाद’ है देश की प्राचीन संस्कृति ‘निषाद संस्कृति’ हैं। प्राचीनकाल ( 2000वर्ष पहले में निषाद, कोल, भील यानि आपके वंशज का सत्ता/राज था। उस समय दुनिया में 3/- में 1/- रूपया आपके भारत का चलता था। दुनिया में सहायता करते थे। तब भारत को सोने की चिडि़या कही जाती थी। ‘निषाद’ जाति नहीं है बल्कि चारों वर्ण से अलग ’पंचम् वर्ण’ है। महर्षि बाल्मीकि, महर्षि वेद व्यास] प्रहलाद] रामसखा महाराज श्री गुह्यराज निषाद, निषादराज हिरण्यधनु के पुत्र अभिद्युम्न (अभय या एकलव्य] माता सत्यवती, नल निषाद, महाराजा सिंघानु निषाद, महारानी दमयन्ति, महारानी रासमणी, राय साहब रामचरण निषाद, मा. जमुना निषाद, मा. फूलन निषाद आदि ने इस वशं को सुशोभित किया है।(साभार- वैदिक एवं ब्राहमणी धर्म डा. श्री कान्त पाठक, जस्टीस आफ इण्डिया डा. अर्मत्य सेन, प्रचीन भारत का इतिहास डा. के सी श्रीवास्तवा
45- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि हम लोग इलाहाबाद श्रृगवेर पुर धाम/किले के (श्रीराम के आत्म बालसखा महाराज श्री गुह्यराज निषाद के वशंज है।
46- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि लोकतंत्र की स्थापना हेतु समाधान निषाद, लोचन निषाद आदि नाविकों ने हजारों अंग्रेजों को कानपुर सतीचैरा घाट पर गंगा नदी में डुबोकर मारा था। आजादी की लड़ाई के परिणाम में अंग्रेजों ने क्रूरता का अन्जाम, फांसी, गांव जला एवं उजाड़कर, क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871 लागू कर जातिगत आधार पर निषादों पर जरायम पेशा/अपराघी जनजाति घोषित कर अधिकारों से वंचित किया था। जिवकोपार्जन के संसाधन नदी, ताल, घाट, व वन को नार्दन इण्डिया फेरिज एक्ट, फिसरिजि एक्ट, फारेस्ट एक्ट, माइनिंग एक्ट 1878 आदि लागू कर उनकी संम्पत्ति से बेदखल कर आदिवासी/जनजाति व दलितों से भी खराब जीवन जिने को मजबूर कर दिया। उक्त पेशों के छिन जाने के कारण भुखमरी-बेरोजगारी के शिकार हो चुकी हैं। किसी भी सरकार ने निषादों का अधिकार देने का काम नहीं किया।
47- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि विश्व के दबाव में 1931 से मिला अनु-जाति मझवार का आरक्षण भारत सरकार के द्वारा 1961 से लागू उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची में क्रमांक 53 पर मझवार सूचीबद्ध अंकित है। इनके पर्यायवाची केवट, मल्लाह, मांझी, मुजाविर, गोड़ मझवार, बिन्द आदि को मझवार के नाम से अनुसुचित जाति का आरक्षण मिला है। क्या आप लेना चाहते है।
48- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सबको पता चला कि द्वारा गोरखपुर मे 1 फरवरी से 10 फरवरी 2014 तक धरना-प्रदर्शन चलाने के बाद जिलाधिकारी द्वारा गोरखपुर के सभी तहसीलदारों को केवट, मलाह, मांझी आदि को मझवार का अनु.जाति का प्रमाण-पत्र जारी करने का आदेश दिया है। इसी प्रकार का आदेश पूरे प्रदेश में लागू कराने के लिए 17 फरवरी 2014 को लखनउ में मुख्यमन्त्री के आवास पर प्रदर्शन के दौरान निषाद वंशियों पर लाठी चार्ज कर सैकड़ो को घायल कर आप निषादों के पार्यवाची जातियों को मझवार अनु.सुचित जाति का आरक्षण न देने का कुचक्र सपा सरकार ने किया। विधान सभा सत्र में किसी भी पार्टी नें हम निषादों के साथ हो रहे अत्याचार, अन्याय के विरूद्ध एवं आरक्षण के मुददे को नही उठाया। सभी पार्टीयो के मीलीभगत से हमारे समाज को बर्वाद किया जा रहा है। यदि हम सब मिलकर आरक्षण की लड़ाई नही लड़े तो बर्वाद हो जायेगे।
49- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम लोग अपना खोया हुआ राज-पाट- अधिकार- मान-सम्मान- स्वाभिमान वापस लाना चाहते है
50- निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद के नेतृत्व एवं योजनबद्ध प्रयास से हम सब लोगों को जानकार होशियार समझदार मतदाता/राजनितिक बनाया जा रहा है।
यदि आपका उत्तर हां में है तो सभी बन्धुओं, बहनों से अनुरोध है कि राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद् एवं निषाद पार्टी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारणी का राष्ट्रीय अिधवेशनों, 31 अगस्त को विमुक्ति जनजाति दिवस, निषाद राज के किले पर जन्मोत्सव समारोह, एक दिवसीय, दो दिवसीय, तीन दिवसीय और ग्रामीण इलाकों में शिक्षण- प्रशिक्षण कैडर कैम्पों मे आप राजनितिक. सामाजिक सोच के हितचिंतको- बुद्धजीवी बन्धुओं- बहनों से अनुरोध है कि सपरिवार उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनावें और अपने इतिहास को जान कर गौरवान्वित होवें।
जय निषाद राज
निषाद पार्टी के सभी जिम्मेदार, सक्रिय एवं समर्पित कार्यकर्ताओं के संघर्ष के लिए शक्ति का उपयोग एवं प्रयोग का प्रेरक संदेश।
निषाद पार्टी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी के प्रति मानसिक-शारीरिक क्षमता के जानकारी एवं समझदारी के आधार पर उनकी अवधारणा, सोच-विचार, बोली भाषा का प्रयोग किया जाता है
एक आदमी ने भगवान बुद्ध से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है?
बुद्ध ने उसे एक Stone दिया और कहा कि जा और इस stone का मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है I
वह आदमी stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला कि इसकी कीमत क्या है?
संतरे वाला चमकीले stone को देख
कर बोला, “12 संतरे ले जा और इसे
मुझे दे जा”
आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले stone को देखा और कहा “एक बोरी आलू ले जा और इस stone को मेरे पास छोड़ जा”
आगे एक सोना बेचने वाले के पास गया उसे stone दिखाया सुनार उस चमकीले stone को देखकर बोला, “50 लाख मे बेंच दे” l
उसने मना कर दिया तो सुनार बोला “2 करोड़ में दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे..
उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू
ने इसे बेचने से मना किया है l
आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया l
जौहरी ने जब उस बेशकीमती रुबी को देखा, तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपड़ा बिछाया फिर उस बेशकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई, माथा टेका l
फिर जौहरी बोला , “कहां से लाया है ये बेशकीमती रुबी? सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती,
ये तो बेशकीमती है l”
वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे बुद्ध के पास आया
अपनी आप बिती बताई और बोला
“अब बताओ भगवान ,
मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?
बुद्ध बोले :
संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत “12 संतरे” की बताई l
सब्जी वाले के पास गया उसने
इसकी कीमत “1 बोरी आलू” बताई l
आगे सुनार ने “2 करोड़” बताई l
और
जौहरी ने इसे “बेशकीमती” बताया l
अब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है l
तू बेशक हीरा है..!!
लेकिन,
सामने वाला तेरी कीमत,
अपनी औकात – अपनी जानकारी – अपनी हैसियत से लगाएगा।
घबराएं मत समाज में..
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी को
पहचानने वाले लोग भी मिल जायेंगे।
http://nishadpartynews.com/2020/05/18/ मछुआरों-के-लिए-20-हजार-करोड़ निषाद पार्टी डॉक्टर संजय कुमार निषाद जी ने भारत सरकार प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर मांग की थी कि मछुवारों का मत्स्यपालन व्यवसाय मछली पकड़ना बंद हो जाने के कारण यह समाज भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। इस स्थिति में मछुआरा समुदाय को आर्थिक पैकेज की मांग की गई कि तत्काल ताकि इस समुदाय को आर्थिक तंगी भूखमरी से बचाया जा सके॥
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी ने देश के जिम्मेदार नेतृत्वकर्ता होने के कारण ऐसे महामारी के दौर मे यशश्वी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ये लिखा देश के लाखों मछुआरों की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए। देश के लाखों मछुआरो को तत्काल राहत पैकेज देने का कष्ट करें। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति संभल सके।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आर्थिक पैकेज में मछुआरों के लिए सौगात दिया। “प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” द्वारा देश के सभी राज्यों के मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का पैकेज।मरीन, इनलैंड और एक्वाकल्चर के लिए 11 हज़ार करोड़ और 9 हज़ार करोड़ रुपये मत्स्य आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए। ‘मत्स्य सम्पदा योजना” के तहत मछुआरों को नाव, मत्स्य पालन से जुड़ी तकनीकों , मछुआरों और उनकी नाओं का होगा बीमा। मत्स्य सम्पदा को बढ़ाने के लिए 55 लाख लोगों को मिलेगा रोज़गार। जिससे आने वाले 5 सालों में 70 लाख टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य पूरा किया जा सके। में अपनी तरफ से और समस्त मछुवारों की ओर से प्रधानमंत्री जी को और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन जी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते है जो “प्रधानमंत्री मछुआ संपदा” के माध्यम से 20 हजार करोड़ करोड़ का राहत पैकेज का ऐलान कर मछुआरों को भुखमरी से बचाना और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बात मान ली गई। निषाद पार्टी के तरफ से माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित होता है।