महान त्याग और समर्पण से ही महान उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है

निशाद पार्टी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के कार्यकर्ता मूलवासी समाज की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोग है। गुलाम समाज के आजादी के लिए सर्वप्रथम राष्ट्रपिता ज्योतिबा राव फुले ने लड़ाई लड़ी। किसी भी समाज को आजाद कराने के लिए आंदोलन करने की जरूरत होती है, लेकिन आंदोलन करने के लिए किसी संगठन या राजनीतिक पार्टी का होना बहुत जरूरी होता है। अगर हमारे पास संगठन ही नहीं है तो हम अपना उद्देश्य कैसे प्राप्त कर सकते हैं? किसी भी पार्टी या संगठन का उद्देश्य पहले निर्धारित होता है तथा संगठन का निर्माण बाद में होता है। इसी तरह डॉ संजय कुमार निषाद जी ने सबसे पहले उद्देश्य निर्धारित किया की सत्ता में परिवर्तन होना चाहिए। उसके के लिए उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद नामक संगठन का निर्माण किया और बाद में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) नामक राजनीतिक दल का भी गठन किया।
संगठन के विकास में तीन बातें महत्वपूर्ण है
राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद और निषाद पार्टी के आने के बाद लोग गर्व करते हैं कि हमें एक सही दिशा मिली है क्योंकि समाज के हजारों संगठनों के हजारों तरह की उद्देश्य और विचार है राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद और निषाद पार्टी एक ऐसा संगठन और पार्टी है जिसका एक उद्देश्य व एक विचारधारा है। हमें उसी उद्देश्य व विचारधारा की तरफ अपने सभी मूलवासी समाज को लेकर जाना है क्योंकि संगठन का उद्देश्य सत्ता को प्राप्त करना है इसके लिए हमें तीन बातें हमेशा ध्यान में रखनी होगी।
पहला
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारे पास संगठन होना चाहिए और आज हमारे पास राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद कौन सा साल टिप नामक संगठन हैं।
दूसरा
संगठन में ही शक्ति है और आज हमारे पास राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद और निषाद पार्टी नामक संगठन है।
तीसरा
हमें हमारे उद्देश्य में कामयाब होने के लिए जनता का समर्थन होना चाहिए जो हमारे पास है हमारे पास संगठन का उद्देश्य है। हमारे पास मूलवासी समाज के आजादी का उद्देश्य है।
अगर यह तीनों चीजें किसी संगठन में नहीं है तो वह संगठन किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं हो सकता।
समाज में बहुत बड़ा लीडरशिप
हमें संगठन और पार्टी के उद्देश्य को पाने के लिए प्लान बना कर काम करना है सिर्फ प्लानिंग ही नहीं बल्कि उसको इंप्लीमेंट भी करना है। ताकि उद्देश्य के करीब जल्द से जल्द पहुंचा जा सके आज हमारा समाज दिग्भ्रमित हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण समाज में लीडरशिप का प्रभाव अर्थात हमारे समाज में लैक ऑफ लीडरशिप माना गया है। परंतु आज हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हमारे मूलवासी समाज में बहुत बड़ा लीडर संजय कुमार निषाद जी पैदा हो गए हैं जिसे कोई भी डिगा नहीं सकता है हमें गर्व करना चाहिए कि डॉक्टर साहब के नेतृत्व में काम करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। हमें समाज में जाकर यह विश्वास का निर्माण करना है कि समाज की सदियों से चली आ रही गुलामी को अब खत्म कैसे करना है और कैसे किया जा सकता है। संगठन पार्टी संगठन पार्टी और समाज के बीच कार्यकर्ता कार्य करते हैं तथा समाज में जाकर पार्टी और संगठन के उद्देश्य को बताते हैं और समाज में विश्वास पैदा करते हैं। इसलिए कार्यकर्ताओं को अपने समाज की लड़ाई में सिंसियर होकर कार्य करना है तब जाकर हमें कामयाबी मिलेगी।