मछुआरों को आरक्षण जन्मसिद्ध अधिकार है |

दिनांक 6 मार्च 2021, दिन शनिवार, लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता में पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन डा. संजय कुमार निषाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी ने कहा कि जिस प्रकार देश में किसान आंदोलन चल रहा है ठीक उसी प्रकार उत्तरप्रदेश का मछुआरा समुदाय निषाद पार्टी के बैनर तले लामबंद हो रहा है केंद्र और प्रदेश की सरकार अगर मछुआरों को आरक्षण देने का वादा नहीं निभाती है तो किसान आंदोलन से बड़ा आंदोलन मछुआ समुदाय का होगा। हम भाजपा के सहयोगी दल हैं परंतु भाजपा ने अभी तक मछुआ समाज का आरक्षण पर किसी भी स्टैंड पर पहुंचती नहीं दिख रही है, जिसके चलते मछुआ समाज में भाजपा को लेकर आक्रोश भी दिख रहा है। जिस प्रकार बसपा ने मछुआरो के हक पर डाका डालने का काम किया तो निषाद समाज ने बसपा का बटन छूना बंद कर दिया और आज बसपा की हालत क्या है ये सभी को पता है सपा-कांग्रेस ने मछुआरों को उनका हक नही दिया तो उनके बटन को दरकिनार कर आज सपा-कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम मछुआ समाज ने किया, ठीक उसी प्रकार अगर भाजपा भी वादा खिलाफी करती है तो भाजपा का भी बटन छूना बंद कर देगा मछुआ समाज।
डॉ. संजय निषाद ने कहा कांग्रेस आज मछुआरों की हितैषी बन रही है परंतु कांग्रेस ने देश में 70 साल राज किया और अगर मछुआ समाज के हक के लिए काम किया होता तो आज मछुआ समाज की हालत ये नहीं होती। कांग्रेस शासन काल में मा. मुकुल वासनिक एवं कुमारी शैलजा के द्वारा अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ षड़यंत्र रचकर गायब कराईं गई है ताकि अतिपिछड़ी जातियों का अनुसूचित जाति का प्रकरण बाधित किया जा सके। इसलिए संसद मार्ग दिल्ली के थाने में 03\06\2019 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मा. मुकुल वासनिक एवं कुमारी शैलजा और उनके अधिनस्थ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बीते दिन अलीगढ़ के टप्पल में पूर्व मुख्यमंत्री मा. अखिलेश यादव का सूबे की सरकार पर निशाना साधने पर डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव उत्तरप्रदेश की छवि देश-विदेश में खराब करने का काम कर रहे हैं, अखिलेश यादव जी को अपने शासन काल में हुई घटनाओं पर भी एख बार विचार करना चाहिए की, जब वो सत्ता में थे तो महिलाओ के प्रति अपराध में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। मैं पुछना चाहता हूं अखिलेश यादव जी से जब विधानसभा हंडिया, जिला प्रयागराज में उनकी घर्मपत्नी से छेड़खानी हुई थी तो उत्तरप्रदेश में किसकी सरकार थी, जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की पत्नी ही उनके शासन काल में सुरक्षित नहीं थी तो प्रदेश के हालत कैसे होंगे इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं। इसलिए मेरी अखिलेश यादव जी को सलाह है एक बार ब्यानबाजी करने से पहले अपने शासनकाल में जरूर देखे कि महिलाओं की दशा क्या थी?
प्रदेश की सरकार पर डॉ. संजय निषाद ने महिला सुरक्षा को कहा सरकार को अधिकारियों पर सख्ती से काम लेना चाहिए क्योंकि प्रदेश में आए दिन दुष्कर्म, लूटपाट और हत्या की खबर आती है तो ऐसे में ये अधिकारियों की लापरवाही है की वो प्रदेश बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम हैं।
बीते दिनों प्रयागराज में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लु को निषाद पार्टी और ग्रामीणों द्वारा खदेड़ने पर डॉ. निषाद ने तंज कसते हुए कहा की अजय लल्लु एक अच्छे इंसान है परंतु वो गलत पार्टी में हैं, अगर अजय लल्लु निषाद समाज के हितैषी है तो उनकों कांग्रेस से त्यागपत्र देकर निषाद पार्टी में आना चाहिए क्योंकि निषाद समाज कि वजह से ही अजय लल्लू 2017 के विधानसभा चुनावों में अपनी विधायकी जीत पाए थे तो मेरी राय है अजय लल्लू जी को वो निषाद पार्टी में आए उनका मान-सम्मान किया जाएगा और किसी गांव से भागने की नौहत भी नहीं आएगी। मछुआ एस.सी. आरक्षण का मुद्दा को लेकर मछुआ समाज में सभी पार्टियों के प्रति आक्रोश बढ़ता दिख रहा है।
मछुआरों को आरक्षण जन्मसिद्ध अधिकार है हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं संविधान में मिला हुआ हमारा हक मांग रहे हैं संविधान में लिखा हुआ मझवार गोड तुरैहा खरवार बेलदार खरोट कोली हम 7 नामों से सूचीबद्ध हैं हमारे उप जातियों का नाम पिछड़ी में डालकर विश्वासघात किया गया हमारे जमीनों पर डाका डाला जा रहा है आज चमार भाई की कोई जमीन नहीं कर सकता उसे अनुसूचित जाति आयोग से सुरक्षित है उसी तरह हमारी भी जमीन कोई नहीं ले सकता है हम भी अनुसूचित जाति में है उसे सुरक्षित है लेकिन हमारा उप जातियों को पिछड़ी जाति में डालकर अन्याय किया गया। जो भी सरकारे सत्ता में रही है उनसे समाज लड़ता रहा आज भाजपा सरकार में है उसे लग रहे हैं आगे सदन में लड़ाई होंगे जो समाज सत्ता में आया अपना आरक्षण पाया हाथी के बाद दलितों का, साइकिल के बाद यादव का, कमल के बाद सवर्णों का, निषाद पार्टी से मछुआरों का आरक्षण अवश्य मिलेगा।
संविधान में सूचीबद्ध मझवार, गोंड़, तुरैना, खरवार, बेलदार, खरोट, कोली का अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र यथाशीघ्र जारी किया जाय। राष्ट्रपति के 1961 के आदेशानुसार मछुआरों की सभी उपजातियों को 2021 की जनगणना में गिना जाय। ताल, घाट, नदी पूर्व की भांति निषादवंशिय मछुआ समुदाय को दिया जाय। नदियों के किनारे खाली पड़ी भूमि के नीचे मौरंग, बालू को भी मछुआ समुदाय को आरक्षित किया जाए।
निषाद पार्टी ने तय किया 17 अप्रैल निषाद पंचमी के रूप में निषाद राज के किले पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी निषादराज जयंती मनाई जाएगी भारतीय जनता पार्टी ने निषादराज जयंती की छुट्टी बंद कर दी है उसे चालू करें पूरे देश से लाखों की संख्या में मछुआ समुदाय के लोग निषाद राज के किले पर इलाहाबाद श्रृंगवेरपुर धाम पर पहुंचेंगे जहां से राम और निषाद राज गले मिलकर विश्व में शांति संदेश दिया था प्रत्येक जिलों से लगभग 100 बस और 1000 मोटरसाइकिल का जुलूस सड़क मार्ग से होते हुए निषाद राज के किले पर पहुंचेगा वहां पर 180 फुट की महाराजा गुह्यराज निषाद और उनके आत्म बालसखा श्री रामचंद्र की मूर्ति का शिलान्यास किया जाएगा भूमि पूजन होगा 1 महीने का मछुआ आरक्षण और निषादराज की प्रतिमा का एक रथ यात्रा जन जन तक जाएगा निषाद पार्टी ने 2 महीने के अंदर एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाने और हस्ताक्षर अभियान लोगों से करा कर एक निषाद आरक्षण आंदोलन के माध्यम से सरकार से शक्ति प्रदर्शन होगा मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के सामने गाड़ियों में भरकर समर्थन पत्र सौंपा जाएगा
किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरसिप की जरुरत होती है। कांग्रेस के समय से विदेशी कंपनियां, सपा के समय अमर सिंह एंड कंपनी थी, बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी है और वर्तमान समय में अडानी, अंबानी आदि हैं। ये लोग राजनिती एवं बजट के हिस्सेदार होकर सबल होते हैं, वहीं देश के वोटर राजनिती एवं बजट का शिकार हो रहे हैं इसलिए निर्बल हो रहे है।
देश में गरीबी तबतक नहीं खत्म होगी जबतक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनकर बजट का हिस्सेदार नहीं होता। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल(निषाद पार्टी) भी यही चाहती है कि वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बन बजट का हिस्सेदार बनें।
देश का असली भगवान वोटर है। वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनेगा तभी देश की गरीबी खत्म होगी। निषाद पार्टी ने Reach the Voter (वोटर के पास जाना होगा), Teach The voter (वोटर को राजनिति पढ़ाना ही होगा) and Caste the Voter(वोटर को गलत जगह वोट पड़ने से हो रहे सत्यानाश को बताना ही होगा ) का मुहिम चलाया है।
कभी निषादों ने अंग्रेजों को मारकर भगाया था फिर कांग्रेस की सरकार बनाएं कांग्रेस ने धोखा दिया कांग्रेस से दोस्ती बंद कर दी कांग्रेस खत्म हो गई, सपा बसपा ने 30 वर्षों तक दोस्त बनाया इन्होंने भी दोस्ती के साथ विश्वासघात किया आरक्षण के मुद्दे पर इन्हें सिरे से नकारते रहें आज थाने पर 15 दरोगा हैं पांच साइकिल के पांच हाथी के पांच इस समय वर्तमान सरकार के इनका एक सिपाही एक होमगार्ड भी नहीं है यही स्थिति सभी विभागों में है